ज्ञानेश कुमार: भारत के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त
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ज्ञानेश कुमार: भारत के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त | जीवनी, करियर और उपलब्धियाँ |
परिचय
ज्ञानेश कुमार को 17 फरवरी 2025 को भारत के 26वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने 19 फरवरी 2025 को अपना पदभार ग्रहण किया, जबकि उनके पूर्ववर्ती राजीव कुमार का कार्यकाल 18 फरवरी 2025 को समाप्त हुआ। ज्ञानेश कुमार भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1988 बैच के अधिकारी हैं और केरल कैडर से संबंधित हैं।
प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा
ज्ञानेश कुमार का जन्म 27 जनवरी 1964 को उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में हुआ था। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया। इसके अलावा, उन्होंने भारत के ICFAI से बिजनेस फाइनेंस और अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के HIID से पर्यावरणीय अर्थशास्त्र की पढ़ाई की।
प्रशासनिक करियर
ज्ञानेश कुमार ने विभिन्न महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है:
- चुनाव आयुक्त (14 मार्च 2024 - 18 फरवरी 2025): चुनाव आयुक्त के रूप में उनकी नियुक्ति 14 मार्च 2024 को हुई।
- सहकारिता सचिव (3 मई 2022 - 31 जनवरी 2024): उन्होंने सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया, जहाँ उनके कार्यकाल में बहु-राज्य सहकारी समितियों (संशोधन) अधिनियम, 2023 पारित हुआ और तीन नई राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं – भारतीय बीज सहकारी समिति (BBSSL), नेशनल कोऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL), और नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट लिमिटेड (NCEL) की स्थापना हुई।
- संसदीय कार्य सचिव (1 मई 2021 - 2 मई 2022): इस पद पर रहते हुए उन्होंने विधायी प्रक्रियाओं और सरकारी नीतियों के समन्वय में योगदान दिया।
- संयुक्त सचिव (रक्षा उत्पादन), रक्षा मंत्रालय (2007 - 2012): इस दौरान उन्होंने रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उपलब्धियाँ
- सहकारिता मंत्रालय के कार्यकाल में CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल की शुरुआत की, जिससे सहारा समूह की बहु-राज्य सहकारी समितियों में निवेश करने वाले जमाकर्ताओं को धन वापसी सुनिश्चित की गई।
- विभिन्न प्रशासनिक सुधारों और नीतिगत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई।
निष्कर्ष
ज्ञानेश कुमार का प्रशासनिक अनुभव और नीति निर्माण में उनकी दक्षता उन्हें भारत के चुनाव आयोग का नेतृत्व करने के लिए एक उपयुक्त व्यक्ति बनाती है। उनकी नेतृत्व क्षमता और निष्पक्ष दृष्टिकोण से भारतीय लोकतंत्र को और सशक्त बनाने की उम्मीद है।
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