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किसान संघर्ष पर भावुक ब्लॉग और शायरी – खेतों का सच्चा योद्धा

 🌾 किसान संघर्ष: खेतों का सच्चा योद्धा

भारत की आत्मा गाँवों में बसती है, और गाँवों की जान होते हैं हमारे किसान। खेत की मिट्टी से जुड़कर, अपने खून-पसीने से अन्न उगाने वाला यह किसान हर दिन संघर्ष करता है — मौसम से, महँगाई से, सरकार से और कभी-कभी खुद किस्मत से भी।

किसान संघर्ष पर भावुक ब्लॉग और शायरी – खेतों का सच्चा योद्धा
किसान संघर्ष पर भावुक ब्लॉग और शायरी – खेतों का सच्चा योद्धा


✍️ शायरी 1: किसान की मेहनत

    

जमीन सीने से लगाकर रखता है, हर एक फसल में सपना बोता है। धूप-बारिश को सहता जाता है, फिर भी उम्मीदों से नाता जोड़े रखता है।

    ✍️ शायरी 2: किसान की आवाज़

    

सुनो हुक्मरानों, दर्द उसकी जुबां में है, जिसके हाथों में छाले हैं, पर आंखों में धुआं नहीं। वो झुकता नहीं हालातों के आगे, किसान है वो, संघर्ष उसका मकसद है।

    ✍️ शायरी 3: उम्मीद और संघर्ष

    

सपनों में नहीं, ज़मीं पर जिए हैं सपने, उसने हर बूँद को पसीने से सींचा है। कभी फसलें लहलहाईं, कभी सूखा सहा, पर किसान आज भी ज़िंदा है, लड़ रहा है।

    📢 समापन विचार

किसान सिर्फ अन्नदाता नहीं, बल्कि वह योद्धा है जो बिना अस्त्र-शस्त्र के हर दिन जीवन से लड़ता है। ऐसे सच्चे हीरो को हमारा सलाम। हमें चाहिए कि हम इनके अधिकारों के लिए आवाज़ उठाएं और उनके संघर्ष को जानें, समझें और सराहें।

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