इस दौर में न सच्चाई की कीमत रही और न भरोसे की अहमियत। हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहाँ चालाकी को हुनर माना जाता है और सच्चाई को कमजोरी..
🔸 "मुझे कोई परवाह नहीं कि आप मुझे पसंद करते हैं या नहीं — मेरा मकसद सिर्फ आगे बढ़ना है।"
आज का युग वो नहीं रहा जहाँ नियमों का मूल्य होता था। अब:
✅ रिश्ते दिखावे पर टिके हैं
✅ भरोसे की जगह स्वार्थ ने ली है
✅ ईमानदारी को मूर्खता समझा जाता है
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धोखेबाज़ी और दिखावे से भरी दुनिया में सच की आवाज़ |
मुझे कोई परवाह नहीं आप मुझे पसंद करते हैं या नहीं करते हैं बस मुझे आगे बढ़ने से मतलब है चारों तरफ धोखेबाजी हैं सारे नियम खोखले हैं तो आपका स्वागत है इस छल कपट के दौर मे अब कुछ भी सही या गलत नहीं है आज के इस युग में
हर तरफ़ धोखेबाज़ी, पाखंड, और स्वार्थ की राजनीति है।
ये दौर है जहाँ:
👉 सच्चाई को दबा दिया जाता है
👉 झूठ को ट्रेंडिंग बना दिया जाता है
👉 और इंसानियत को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है
🔥 इस युग में कुछ भी सही या गलत नहीं रहा
अब तो जो जितना चालाक है, वो उतना आगे है।
"तो आपका स्वागत है इस छल-कपट और दिखावे के युग में, जहाँ जज़्बातों का कोई मूल्य नहीं और सच्चाई सिर्फ किताबों तक सीमित है।"
🧠 आप क्या सोचते हैं?
क्या आज के दौर में सच बोलना वाकई मूर्खता है?
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